Adhyay : 3 Mantra : 203 Back to listings दैवकार्याद्द्विजातीनां पितृकार्यं विशिष्यते । दैवं हि पितृकार्यस्य पूर्वं आप्यायनं स्मृतम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related