Adhyay : 3 Mantra : 170 Back to listings अव्रतैर्यद्द्विजैर्भुक्तं परिवेत्रादिभिस्तथा । अपाङ्क्तेयैर्यदन्यैश्च तद्वै रक्षांसि भुञ्जते । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related