एषां अन्यतमो यस्य भुञ्जीत श्राद्धं अर्चितः । पितॄणां तस्य तृप्तिः स्याच्छाश्वती साप्तपौरुषी

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *