Adhyay : 3 Mantra : 145 Back to listings यत्नेन भोजयेच्छ्राद्धे बह्वृचं वेदपारगम् । शाखान्तगं अथाध्वर्युं छन्दोगं तु समाप्तिकम् । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related