Adhyay : 3 Mantra : 120 Back to listings राजा च श्रोत्रियश्चैव यज्ञकर्मण्युपस्थितौ । मधुपर्केण संपूज्यौ न त्वयज्ञ इति स्थितिः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related