अध्येष्यमाणस्त्वाचान्तो यथाशास्त्रं उदङ्मुखः । ब्रह्माञ्जलिकृतोऽध्याप्यो लघुवासा जितेन्द्रियः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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