Adhyay : 2 Mantra : 183 Back to listings बालः समानजन्मा वा शिष्यो वा यज्ञकर्मणि । अध्यापयन्गुरुसुतो गुरुवन्मानं अर्हति । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related