चक्रिणो दशमीस्थस्य रोगिणो भारिणः स्त्रियाः । स्नातकस्य च राज्ञश्च पन्था देयो वरस्य च ।

किस – किस के लिए मार्ग दें –

चक्रिणः सवारी अर्थात् रथ, गाड़ी, आदि में बैठे हुए को दशमीस्थस्य दशमी अवस्था वाले अर्थात् नब्बे वर्ष से अधिक आयु वाले को रोगिणः रोगी को भारिणः बोझ उठाये हुए को स्त्रियाः स्त्री को च और स्नातकस्य स्नातक को राज्ञः राजा को च तथा वरस्य दूल्हे को पन्था देयः पहले रास्ता दे देना चाहिए ।

 

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