Adhyay : 12 Mantra : 19 Back to listings तौ धर्मं पश्यतस्तस्य पापं चातन्द्रितौ सह । याभ्यां प्राप्नोति संपृक्तः प्रेत्येह च सुखासुखम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related