त्रिदण्डं एतन्निक्षिप्य सर्वभूतेषु मानवः । कामक्रोधौ तु संयम्य ततः सिद्धिं नियच्छति ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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