Adhyay : 11 Mantra : 35 Back to listings विधाता शासिता वक्ता मैत्रो ब्राह्मण उच्यते । तस्मै नाकुशलं ब्रूयान्न शुष्कां गिरं ईरयेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related