Adhyay : 11 Mantra : 34 Back to listings क्षत्रियो बाहुवीर्येण तरेदापदं आत्मनः । धनेन वैश्यशूद्रौ तु जपहोमैर्द्विजोत्तमः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related