वेदोदितानां नित्यानां कर्मणां समतिक्रमे । स्नातकव्रतलोपे च प्रायश्चित्तं अभोजनम् ।

वेदोक्त नैत्यिक (अग्निहोत्र संध्योपासन आदि) कर्मों के न करने पर और ब्रह्मचर्यावस्था में व्रतों (भिक्षाचरण आदि) के न करने पर (अभोजनं प्रायश्चितम्) एक दिन उपवास रखना  ही प्रायश्चित है ।

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