Adhyay : 11 Mantra : 177 Back to listings सा चेत्पुनः प्रदुष्येत्तु सदृशेनोपमन्त्रिता । कृच्छ्रं चान्द्रायणं चैव तदस्याः पावनं स्मृतम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related