कार्पासकीटजोर्णानां द्विशफैकशफस्य च । पक्षिगन्धौषधीनां च रज्ज्वाश्चैव त्र्यहं पयः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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