Adhyay : 11 Mantra : 155 Back to listings शुष्काणि भुक्त्वा मांसानि भौमानि कवकानि च । अज्ञातं चैव सूनास्थं एतदेव व्रतं चरेत् । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related