Adhyay : 11 Mantra : 151 Back to listings वपनं मेखला दण्डो भैक्षचर्या व्रतानि च । निवर्तन्ते द्विजातीनां पुनःसंस्कारकर्मणि । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related