Adhyay : 11 Mantra : 103 Back to listings गुरुतल्प्यभिभाष्यैनस्तप्ते स्वप्यादयोमये । सूर्मीं ज्वलन्तीं स्वाश्लिष्येन्मृत्युना स विशुध्यति Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related