एतैर्व्रतैरपोहेत पापं स्तेयकृतं द्विजः । गुरुस्त्रीगमनीयं तु व्रतैरेभिरपानुदेत्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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