Adhyay : 11 Mantra : 100 Back to listings गृहीत्वा मुसलं राजा सकृद्धन्यात्तु तं स्वयम् । वधेन शुध्यति स्तेनो ब्राह्मणस्तपसैव तु । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related