Adhyay : 10 Mantra : 61 Back to listings यत्र त्वेते परिध्वंसाज्जायन्ते वर्णदूषकाः । राष्ट्रिकैः सह तद्राष्ट्रं क्षिप्रं एव विनश्यति Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related