Adhyay : 10 Mantra : 60 Back to listings कुले मुख्येऽपि जातस्य यस्य स्याद्योनिसंकरः । संश्रयत्येव तच्छीलं नरोऽल्पं अपि वा बहु । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related