चण्डालेन तु सोपाको मूलव्यसनवृत्तिमान् । पुक्कस्यां जायते पापः सदा सज्जनगर्हितः । ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *