Adhyay : 10 Mantra : 123 Back to listings विप्रसेवैव शूद्रस्य विशिष्टं कर्म कीर्त्यते । यदतोऽन्यद्धि कुरुते तद्भवत्यस्य निष्फलम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related