Adhyay : 10 Mantra : 113 Back to listings सीदद्भिः कुप्यं इच्छद्भिर्धने वा पृथिवीपतिः । याच्यः स्यात्स्नातकैर्विप्रैरदित्संस्त्यागं अर्हति । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related