Adhyay : 10 Mantra : 112 Back to listings शिलोञ्छं अप्याददीत विप्रोऽजीवन्यतस्ततः । प्रतिग्रहाच्छिलः श्रेयांस्ततोऽप्युञ्छः प्रशस्यते Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related