Adhyay : 1 Mantra : 94 Back to listings तं हि स्वयंभूः स्वादास्यात्तपस्तप्त्वादितोऽसृजत् । हव्यकव्याभिवाह्याय सर्वस्यास्य च गुप्तये । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related