Adhyay : Mantra : 93 Back to listings उत्तमाङ्गोद्भवाज्ज्येष्ठ्याद्ब्रह्मणश्चैव धारणात् । सर्वस्यैवास्य सर्गस्य धर्मतो ब्राह्मणः प्रभुः । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related