एते मनूंस्तु सप्तान्यानसृजन्भूरितेजसः । देवान्देवनिकायांश्च महर्षींश्चामितौजसः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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