यक्षरक्षःपिशाचांश्च गन्धर्वाप्सरसोऽसुरान् । नागान्सर्पान्सुपर्णांश्च पितॄणांश्च पृथग्गणम्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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