तस्मिन्नण्डे स भगवानुषित्वा परिवत्सरम् । स्वयं एवात्मनो ध्यानात्तदण्डं अकरोद्द्विधा

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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