एवं आचारतो दृष्ट्वा धर्मस्य मुनयो गतिम् । सर्वस्य तपसो मूलं आचारं जगृहुः परम् ।

एवम् इस प्रकार आचारतः धर्माचरण से ही धर्मस्य धर्म की गतिम् प्राप्ति एवं अभिवृद्धि दृष्ट्वा देखकर मुनयः मुनियों ने सर्वस्य तपसः परं मूलम् सब तपस्याओं का श्रेष्ठ मूल आधार आचारम् धर्माचरण को ही जगृहुः स्वीकार किया है ।

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