Adhyay : 1 Mantra : 111 Back to listings जगतश्च समुत्पत्तिं संस्कारविधिं एव च । व्रतचर्योपचारं च स्नानस्य च परं विधिम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related