Adhyay : 1 Mantra : 103 Back to listings विदुषा ब्राह्मणेनेदं अध्येतव्यं प्रयत्नतः । शिश्येभ्यश्च प्रवक्तव्यं सम्यङ्नान्येन केन चित् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related