गत पृष्ठों (विश्व में मनुस्मृति की प्रामाणिकता) में चीनी भाषा के ग्रन्थ में मनुस्मृति-काल सबन्धी उल्लेख का विवरण प्रस्तुत किया गया है। उस पुरातात्विक प्रमाण के अनुसार मनुस्मृति 10-12 हजार वर्ष पुराना शास्त्र है। इससे एक तथ्य की पुष्टि तो होती ही है कि मनुस्मृति समाज-व्यवस्था का सबसे पुराना ग्रन्थ है। अन्य किसी देश या समाज का इतना पुराना ग्रन्थ उपलध नहीं है। यह पुरातात्विक प्रमाण भी मनु और मनुस्मृति के काल को सबसे प्राचीन सिद्ध करता है।
इससे यह भी सिद्ध होता है कि मनु एवं मनुस्मृति के काल के सबन्ध में पाश्चात्य लेखकों ने जो 185 ई0 पूर्व के काल की कल्पना की है, वह निराधार और अप्रामाणिक है; क्योंकि मनु स्वायंभुव रचित मनुस्मृति के उल्लेख उससे कई हजार वर्ष पूर्व के साहित्य में मिल रहे हैं। उन उल्लेखों की उपेक्षा नहीं की जा सकती।
मनु के काल के सबन्ध में जो वर्तमान लेखकों को अर्वाचीनता की भ्रान्ति हो रही है, उसका कारण मनुस्मृति में हुए प्रक्षेप हैं। बदलते समय के अनुसार लोग इसमें मिलावट करते चले गये जिससे इसका प्राचीन और मौलिक स्वरूप धूमिल हो गया। प्रक्षेपों के विषय पर अन्तिम अध्याय में विचार किया जायेगा।
भाई साहब , सन्दर्भसह स्पष्टीकरण देने की कृपा करे.
kis sandarbh ki baat kar rahe hain uski jaankaari de jisse aage charchaa ki jaa sake…
चीनी पुरातात्विक विभाग का प्रमाण पेश करे.
कृपा कर के कालबाह्य साहित्य या संवैधानिक प्रतिबंधित साहित्य की अपेक्षा संविधानिक परक विषय सूचि को प्राथिमिकता दे.
कौन सा साहित्य प्रतिबंधित हो गया है | कितनी गन्दी सोच है | आंबेडकर का शुद्र कौन इसे पढ़ो | अपने इष्ट देव की लिखी पुस्तक | आपको आपकी आँखे खुल जायेंगी | आप केवल सुनी बातो से चर्चा करते हो | प्रमाण के साथ चर्चा करो |
बखौलाए नही ….,,, सिरिमान..,
भेदभाव परक हर साहित्य संविधान द्वारा प्रतिबंधित है .
चाहे तो संविधान एक बार पढ़ लीजिए.
अरे जनाब कौन कौन साहित्य प्रतिबंधित है बतलाना | बच्चे और मुर्ख जैसे बात करते हो | प्रमाण हो तो जवाब दे | वरना हमें आप जैसे पाठक की जरूरत नहीं जो हवा हवाई में बाते करते हैं और प्रमाण मानगो तो प्रमाण नहीं देते |
अरे जनाब हमें ना नसीहत दें हमें क्या करना है और क्या नहीं करना है | हमारे पास सभी कुछ है | और हमें मजबूर ना करे नहीं तो ध्म्पद इत्यादि का पोल खोल करना शुरू कर दूंगा |और साथ में आपके बाबा की भी | मैं नहीं चाहता की आपके बाबा और बौध मत की पोल खोल करू