खुदाई दीन इस्लाम की प्रशंसा
खुदा ने पहले यहूदी दीन पसन्द किया । फिर ईसाई मत का प्रचारक बना। अब दोनों को गलत बताकर इस्लाम का वकील बन बैठा है। आगे किसी और नये दीन का प्रचारक बन जावेगा ऐसे रोज नया मजहब बदलने वाले खुदा पर कोई कैसे विश्वास कर सकता है?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
शहिदल्लाहु अन्नहू ला इला-ह…….।।
(कुरान मजीद पारा ३ सूरा आले इम्रान रूकू २ आयत १८)
दीन तो खुदा के नजदीक बस यही इस्लाम है और खुदा के अलावा इबादत लायक और कोई नही है।
व मंय्यब्तगि गैरल्-इस्लामि……….।।
(कुरान मजीद पारा ३ सूरा आले रूकू १ आयत ८५)
…..और जो शख्स इस्लाम के सिवाय और दीन को तलाश करे तो खुदा के यहां उसका वह दीन कबूल नहीं और वह कयामत में नुकसान पाने वालों में से होगा।
हुर्रिमत् अलैकुमुल्मैततु वद्दमु व……..।।
(कुरान मजीद पारा ६ सूरा मायदा रूकू १ आयत ३)
……और हमने तुम्हारे लिये दीने इस्लाम को पसन्द किया।
समीक्षा
हर कौंजड़ी जैसे अपनी डलिया के बेर मीठे व दूसरों के बेर खट्ठे बताती है वैसे ही कुरानी अरबी खुदा ने भी इस्लाम की तारीफ में ढोल पीटे हैं जैसा कि ऊपर की आयतों में साफ प्रकट है।