कुरान समीक्षा : खुदा ने गोश्त पकाकर उतारा

खुदा ने गोश्त पकाकर उतारा

खुदा ने गोश्त स्वयं पकाया था या किसी होटल में पकवाया था? खुदा ने अंगूर, रबड़ी, हलवा पूड़ी के थाल क्यों नहीं उतारे थे ? क्या खुदा भी गोश्त खाना पसंद करता है?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व अल्लल्ना अलैकुमुल्-गमा-म……….।।

(कुरान मजीद पारा १ सूरा बकर रूकू ६ आयत ५७)

मैंने तुम पर बादल की छाया की और तुम पर ‘‘मन्न’’ और ‘‘सलवा’’ भी उतारा और हमने जो तुमको पवित्र भोजन दिये है उनको खाओ।

समीक्षा

खुदा पक्षियों को पकड़ के कत्ल करता था उनके पंख व हड्डी नौचकर साफ करता था और मांस को पकाकर अरबी मुसलमानों को खिलाता था। तो क्या इससे खुदा एक बवर्ची जैसा साबित नहीं होता? गोश्त को पकाकर ‘‘सलवा’’ बनाना भी कोई खुदा का पेशा हो सकता है ? अरबी खुदा भी विचित्र आदमी या होटल का मैंनेजर था।

2 thoughts on “कुरान समीक्षा : खुदा ने गोश्त पकाकर उतारा”

  1. Kripya Quran ki aayaton ka refrence Chapter no. or Verse no. me diya kren.kyunki Quran majeed para sura bakr ruku ka data online available nahi hai.aise me aryon ko musalmaano ko refrence dene me mushkil aati hai.

  2. विक्रांत आर्य जी
    पहली बात यह है की जो प्रमाण दिया गया है वह कुरआन से दिया गया है और वह भी प्रमाणिक | आप केवल सूरा और आयत की संख्या बताये जैसे इस लेख में है इसका प्रमाण आप इस तरह से दे सकते हैं सूरा बकर और आयत संख्या 57 | या इसे इस तरह भी दे सकते हैं 2:57 | और जिससे चर्चा करते हैं हैं वह लेख में दिया हुवा रिफरेन्स को नहीं समझ पा रहा मुस्लिम तो आप यह समझें की उसे कुरआन नहीं आता | और उसने कुरआन नहीं पढ़ी | आप चाहे तो पारा और रुकू पर ध्यान ना दें उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा आपको | आप बस सूरा और आयत की जानकारी दें |
    (कुरान मजीद पारा १ सूरा बकर रूकू ६ आयत ५७)

    इसमें आप सूरा बकर और आयत 57 बस बोले चर्चा करने के लिए |
    अब आप शायद समझ गए होंगे |
    धन्यवाद

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