कुरान समीक्षा : खुदा ने सबको ठीक सूझ क्यों नहीं दी?

खुदा ने सबको ठीक सूझ क्यों नहीं दी?

कुरान में लिखा है कि उस समय के लोग भी मुहम्मद साहब को शायर मानते थे (देखो पारा २३ सूरे साफ्फात आयत ३६) शायर बे पढ़ा लिखा नहीं हो सकता है यदि हो सकता है तो साबित करें?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

व लौ शिअ्ना लआतैना कुल्-ल न…………..।।

(कुरान मजीद पारा २१ सूरा सज्जा रूकू १ आयत १३)

हम चाहते तो हर आदमी को उसकी राह की सूझ देते, मगर हमारी बात पूरी होती है कि जिन्न और आदमी सबसे हम नरक को भर देंगे।

समीक्षा

खुदा ने कभी कसम खा रखी होगी कि दोजख को आदमियों से भरेंगे और अपनी कसम को पूरा करने की जिद की वजह से उस भले आदमी ने सारे इन्सानों को नेक रास्ते पर नहीं डाला बल्कि लोगों को गुमराह भी किया। क्या ऐसा खुदा भी नेक माना जा सकता है जो प्रजा को गुमराह करता रहता हो?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *