जमीन के बाद सात आसमान बनाये
खुदा द्वारा सात आसमान बनाये जाने से पहले इस अनन्त पोल स्थान में क्या भरा था और अब कहां गया? यदि कुछ भरा था तो वह कब से था, क्या वह खुदा की ही तरह अनादि था?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
हुवल्लजी ख-ल-क लकुम् मा………….।।
(कुरान मजीद पारा १ सूरा बकर रूकू ३ आयत २९)
वही है जिसने तुम्हारे लिये धरती की चीजें पैदा की, फिर आकाश की तरफ ध्यान दिया तो सात आसमान हम बार अर्थात् एक के ऊपर एक बना दिये और वह हर चीज से जानकार है।
समीक्षा
यह आयत भी बुद्धि के विरूद्ध है। यदि पहले आकाश नहीं था तो जमीन को कहाँ पर और कैसे बनाया? यदि आकाश को बाद में बनाया गया तो पहले इस शून्य में क्या भरा हुआ था और वह कहाँ गया? यदि परमाणु भरे थे तो उनको इकट्ठा करने पर पहले आकाश उत्पन्न होगा तब बाद में जमीन या अन्य कुछ बनेगा। इस दशा में जमीन बनाने के बाद आकाश बनाने की बात कहना गलत होगा।
आकाश तो अनन्त है, और उस अनन्त के साथ भाग बताना बुद्धि विरूद्ध बात है, यदि हिस्से हो जावेंगे तो वह अनन्त ही रहेगा। वर्तमान विज्ञान आकाश व विश्व को अनन्त मानता है। ‘‘सात आसमानों को हमवार बनाना’’ ऐसा लिखना ही यह साबित करता है कि अरबी खुदा को विद्या नहीं आती थी।