Category Archives: Islam

हदीस : अस्थायी शादी (मुताह)

अस्थायी शादी (मुताह)

मुहम्मद ने अस्थायी शादियों की इज़ाज़त दी है। अब्दुल्ला बिन मसूद कहते हैं-”हम सब अल्लाह के पैगम्बर के साथ एक चढ़ाई पर गए थे और हमारे साथ औरतें नहीं थीं। हम बोले-क्या हमें अपने आपको बधिया नहीं करा लेना चाहिए ? पाक पैगम्बर ने ऐसा करने से मना किया। फिर उन्होंने हमें इज़ाज़त दे दी कि हमें एक विशेष अवधि के लिए अस्थायी शादी कर लेनी चाहिए और इसके लिए (दहेज़ के रूप में) उसे एक पहनने का वस्त्र दे देना चाहिए।“ इस पर अब्दुल्ला खुश हो गये और उन्हें कुरान की यह आयत याद आ गयी-”मोमिनो ! जो पाकीजा चीजें तुम्हारे लिए अल्लाह ने हलाल की हैं, उनको हराम न करो और हद से न बढ़ो। अल्लाह हद से बढ़ने वाले को पसंद नहीं करता“ (3247; कुरान 5/87)।

 

जाबिर कहते हैं-”हमने दहेज़ के रूप में कुछ खजूर और आटा देकर अस्थायी शादियां की (3249)। उन्होंने कुछ अन्य लोगों से कहा-”हां हम सब पाक पैगम्बर के जीवनकाल में इस अस्थायी शादी से फायदा उठाते रहे हैं और अबू बकर तथा उमर के वक्त में भी“ (3248)। इयास बिन सलमा अपने पिता के प्रमाण से बतलाते हैं कि ”अल्लाह के रसूल ने औतास के साल (हुनैन की लड़ाई के बाद हिजरी सन् 8) में तीन रातों के लिए अस्थायी शादी करने की मंजूरी दी और बाद में उसके लिए मना कर दिया“ (3251)।

 

सुन्नी पंथमीमांसक इस तरह की शादी को अब वैध नहीं मानते। पर शिया लोग उनसे मतभेद रखते हैं और ईरान में अभी भी इसका रिवाज है। शिया पंथमीमांसक इसके पक्ष में कुरान की एक आयत का हवाला देते हैं-”शादीशुदा औरतें भी तुम्हारे लिए (हराम) हैं, सिवाय उनके जो बांदियों के तौर पर तुम्हारे कब्जे में आ जायें …. और उसके अलावा तुम्हें इज़ाज़त है कि तुम अपना धन खर्च करके बीवियां ढूंढ लो, विनम्र व्यवहार के साथ और व्यभिचार के बिना। और जिनके साथ तुमने मैथुन किया है उन्हें उनका दहेज़ दो, यह कानून है। लेकिन अगर कानून से बाहर तुम आपस में रजामंदी कर लो तो कोई गुनाह नहीं होगा। बेशक अल्लाह सब कुछ जानने वाला (और) बुद्धिमान है“ (कुरान 4/24)।

author : ram swarup

HADEES : TASTAHIDDA

TASTAHIDDA

Muhammad also made effective use of what are known in literary criticism as vulgar expressions.  Once the Prophet and his party returned from an expedition rather late, and his Companions wanted to hurry to their homes.  But the Prophet told them to wait till �the woman with dishevelled hair may comb it, and the woman whose husband had been away may get herself clean; and when you enter, you have the enjoyment� (3462).

The translator tells us that the Arabic word for �get herself clean� is tastahidda, which literally means �to remove the hairs on the private parts,� but it is here used metaphorically in the sense of getting ready for the husband�s company (note 1926).

हदीस : विवाह और विच्छेद (अल-निकाह और अल-तलाक)

. विवाह और विच्छेद (अल-निकाह और अल-तलाक)

आठवीं किताब का शीर्षक है ”निकाह की किताब“। इसका एक हिस्सा तलाक के बारे में भी है।

 

मुहम्मद अविवाहित जीवन का निषेध करते हैं। ”तुममें से जो लोग एक बीवी रख सकते हैं, उन्हें शादी करनी चाहिए। क्योंकि वह बुरी नजर डालने से और अनैतिकता से बचाती है” (3231)। उनके साथियों में से एक जन अविवाहित जीवन बिताना चाहता था। किन्तु मुहम्मद ने ”उसे ऐसा करने से मना किया“ (3239)।1

 

वस्तुतः मुहम्मद सर्वसाधारण संयम को मना करते थे। उनके एक साथी ने कहा, ”मैं शादी नहीं करूंगा।“ दूसरे ने कहा, मैं गोश्त नहीं खाऊंगा।“ एक अन्य ने कहा, ”मैं बिस्तर पर नहीं सोऊंगा।“ मोहम्मद ने अपने आप से पूछा, ”इन लोगों को क्या हो गया है जो ये ऐसा-ऐसा बोलते हैं, जबकि मैं इबादत करता हूँ और सोता भी हूं; मैं रोज़ा रखता हूं और उसे रद्द भी कर देता हूं, मैं औरतों से शादी भी करता हूं ? और जो मेरे सुन्ना को नहीं मानता, उसका मुझसे कोई रिश्ता नहीं“ (3236)।

 

अपनी औरत एक बहुत बड़ा मुक्ति-मार्ग है। पर अगर वह भी काम न आये और कोई आदमी किसी दूसरी औरत को देखकर आतुर हो जाये, तो उसे अपने घर जाना चाहिए और अपनी बीवी के साथ मैथुन करना चाहिए। ”अल्लाह के रसूल ने एक औरत को देखा और तब वे अपनी बीवी जै़नब के पास आये जो चमड़ा सिझा रही थी। और उन्होंने उसके साथ मैथुन किया। फिर वे अपने साथियों के पास गये और उनसे बोले-औरत शैतान के रूप में आगे बढ़ती है और लौट जाती है। इसलिए जब तुममें से कोई किसी औरत को देखे तो उसे अपनी बीवी के पास जाना चाहिए। क्योंकि उससे जो वह अपने दिल में महसूस करता है, वह बाहर निकल जायेगा“ (3240)। हम सब दूसरों के भीतर शैतान देखने को हरदम तैयार रहते हैं। लेकिन अपने भीतर का शैतान नहीं देख पाते।

 

  1. इब्न अब्बास की एक हदीस को इब्न साद ने उद्धृत किया है। साद कातिब अत-वाकिदी के नाम से लोक¬िप्रय थे और पैगम्बर के जीवनीकार थे। हदीस के अनुसार मुहम्मद ने कहा-”मेरी उम्मा में सबसे अच्छा वह है, जो सबसे ज्यादा तादाद में बीवियां रखता है“ (तबक़ात, किताब 2, पृष्ठ 146)

author : ram swarup

 

HADEES : ON MARRYING A VIRGIN

ON MARRYING A VIRGIN

In other ahAdIs, the Prophet touches upon the excellence of marrying a virgin (3458-3464). JAbir reports: �The Apostle of Allah said: �JAbir, have you married?� I said, �yes.� He said: �A virgin or one previously married?� I said: �with one previously married,� whereupon he said: �Why did you not marry a virgin with whom you could sport?� � (3458), or �who might amuse you and you might amuse her� (3464).

author : ram swarup

VIDEO : जब मुफ्ती से एंकर ने कहा, ‘मैं फख्र के साथ बोलूंगी वंदे मातरम’

VIDEO : जब मुफ्ती से एंकर ने कहा, ‘मैं फख्र के साथ बोलूंगी वंदे मातरम’

VIDEO : जब मुफ्ती से एंकर ने कहा, 'मैं फख्र के साथ बोलूंगी वंदे मातरम'
बहस के दौरान मुफ्ती एजाज अरशद कासमी ने बोले अपशब्द.

नई दिल्ली : बिहार में नई सरकार बनने के साथ ही नया विवाद जुड़ गया है. दरअसल बिहार के अल्पसंख्यक मंत्री खुर्शीद आलम उर्फ फिरोज अहमद ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को लेकर रविवार को माफी मांगी. खुर्शीद आलम ने ऐसा यह नारा लगाने पर मुस्लिम समुदाय द्वारा धमकी मिलने और अपने खिलाफ एक फतवा जारी होने के बाद किया. इसी मुद्दे पर ZEE NEWS के ‘शो ताल ठोक’ के दौरान बेहद तल्ख बहस हो गई. बहस के दौरान मुफ्ती एजाज अरशद कासमी, सदस्य एआईएमपीएलबी ने मुस्लिम टीवी एंकर रुबिका लियाकत अली को अपशब्द कहे. इस पर रुबिका ने मुफ्ती को सधे हुए अंदाज में जवाब देकर उनकी बोलती बंद कर दी.

बहस में शामिल अंबर जैदी को एआईएमआईएम के तरफ से शामिल प्रवक्ता सैयद आसिम वकार ने अपशब्द कहे इसके जवाब में रुबिका ने ये कह दिया कि ये मदरसा नहीं है. इतना कहते ही मुफ्ती भड़क गए और रुबिका और अंबर पर जमकर व्यक्तिगत हमला करने लगे.  इसके बाद रुबिका ने जोर देकर कहा कि मैं फख्र के साथ वंदे मातरम कहूंगी.

ज़ी न्यूज़ डेस्क

source : http://zeenews.india.com/hindi/india/video-during-the-debate-anchor-said-to-mufti-i-will-speak-with-pride-vande-mataram/334886

तारिक फतेह ने जय श्री राम लिख कर किया ट्वीट, बोले- जाओ जो उखाड़ना है उखाड़ लो

तारिक फतेह ने जय श्री राम लिख कर किया ट्वीट, बोले- जाओ जो उखाड़ना है उखाड़ लो

तारिक फतेह ये ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

तारिक फतेह। फोटो सोर्स- यूट्यूब

बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद द्वारा ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने पर कूब हंगामा मचा। खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद के खिलाफ तो फतवा तक जारी हो गया। जय श्री राम बोलने को लेकर इस्लामी संस्था इमारत-ए-शरिया ने फतवा जारी करते हुए उन्हें इस्लाम से खारिज कर दिया था। हालांकि फिर बाद में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के बाद उनके खिलाफ जारी किया गया फतवा वापस ले लिया गया। जय श्री राम बोलने पर मचे इस घमासान के बीच मशहूर मुस्लिम लेखक तारिक फतेह ने ट्वीट करते हुए जय श्री राम लिखा। जय श्री राम लिखने के साथ ही इस पर आपत्ति जताने वाले मुसलमानों को तारिक ने ये भी लिखा कि अब जाओ..जो उखाड़ना है उखाड़ लो। कारिक फतेह का ये ट्वीट उस वक्त आया जब मीडिया में खबर फैली कि इस्लाम से निकालने का फतवा जारी होने के बाद नीतीश सरकार के मंत्री खुर्शीद अहमद ने इसपर माफी मांगी है। तारिक फतेह का ये ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ट्वीट करने के महज चंद घंटों में ही इसे दो दजार से ज्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका  है।

Tarek Fatah 

@TarekFatah

“Jai Shree Ram”

Abb jao, Jo ukharna hai, ukhar lo.

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तारिक फतेह के ट्वीट को काफी पसंद किया जा रहा है। बहुत से मुस्लिम यूजर्स तारिक के इस ट्वीट की सराहना करते हुए लिख रहे हैं कि जिन लोगों को मजहब के नाम पर समाज में दीवार खड़ी करनी है वो करते रहें, हमें तो जय श्री राम बोलने में कोई परेशानी नहीं है। हिंदू यूजर्स भी तारिक के इस ट्वीट को सराह रहे हैं।

Tarek Fatah 

 @TarekFatah

“Jai Shree Ram”

Abb jao, Jo ukharna hai, ukhar lo.

A proud Muslim and Pakistani, Jai Shri Ram!
It has cost me nothing to set a smile over several faces!

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“Jai Shree Ram”

Abb jao, Jo ukharna hai, ukhar lo.

ईश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान…

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“Jai Shree Ram”

Abb jao, Jo ukharna hai, ukhar lo.

Jai Shree Ram ! Ram is embodiment of righteousness in Hindu Puran. Victory to righteousness means Jai Shree Ram !

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“Jai Shree Ram”

Abb jao, Jo ukharna hai, ukhar lo.

Ram ji apko lambi zindagi de. Jay hind

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कुछ मुस्लिम यूजर्स ऐसे भी हैं जो उर्दू भाषा में नफरत भरी बातें लिख रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ खुद तारिक फतेह ने मोर्चा खोल रखा है। तारिक इस तरह के ट्वीट्स को रिट्वीट कर उनको सबक सिखाने का काम कर रहे हैं।

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Hi @Dhume, here is an example. Perhaps you can tell fellow Indians what this Muslim says about Hindus in Urdu.

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आपको बता दें कि तारिक फतेह मशहूर लेखक और पत्रकार हैं। तारिक मूल रूप से पाकिस्तान के कराची के हैं। तारिक इस्लामी अतिवाद के खिलाफ बोलने और एक उदारवादी इस्लाम के पक्ष को बढ़ावा देने के लिये प्रसिद्ध है |

source :http://www.jansatta.com/trending-news/tarik-fateh-slams-hate-mongers-over-chanting-jai-shri-ram-slogan/390277/

हदीस : गैर-मुसलमानों के लिए काबा बंद

गैर-मुसलमानों के लिए काबा बंद

इस्लाम-पूर्व दिनों में काबा सबके लिए खुला रहता था, चाहे वे अल्लाह के आराधक हों या अल-लात के। पर मुहम्मद द्वारा मक्का-विजय के बाद वह मुसलमानों के सिवाय सब के लिए बंद कर दिया गया। मुहम्मद की ओर से ऐलान किया गया-”इस साल के बाद कोई बहुदेववादी तीर्थयात्रा नहीं कर सकता“ (3125)। यह खुद अल्लाह का हुक्म था। कुरान का कथन है-”ऐ मोमिनो ! वे जो अल्लाह के साथ किसी और को जोड़ते हैं, वे नापाक हैं। और इसीलिए इस साल से लेकर आगे उन्हें पवित्र पूजाघर के पास नहीं जाना चाहिए“ (9/28)1।

 

अधिकांश धर्मपंथ अपने आराध्य देवों के लिए भवन या मंदिर अपनी स्वयं की मेहनत से बनाते हैं। लेकिन इस्लाम अपने आराध्यदेव अल्लाह के लिए दूसरों के मन्दिर हथियाता है। इन दो प्रकार के पूजाघरों में प्रबल अन्तर है। किसी भी सम्यक् आराध्यदेव का सार्थक आवास वही हो सकता है, जो उसके अनुयायियों द्वारा अपने हृदय में भरी प्रीति-भावना से एवं अपने हाथों के परिश्रम से बनाया गया हो। कोई भी अन्य आवास साम्राज्यवादी लिप्सा और विस्तारवाद का ही स्मारक होता है और ऐसा आवास विशुद्ध मानस वालों के आराध्यदेवों द्वारा कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।

 

  1. मुहम्मद और बहुदेववादियों के बीच एक समझौता हुआ था कि दोनों में से किसी को भी मंदिर से दूर नहीं रखा जायेगा और पवित्र महीनों में उसमें आने-जाने के लिए एक को दूसरे के हस्तक्षेप का कोई डर नहीं होना चाहिए। पर अल्लाह के पास से ”छूट“ आई और मुहम्मद को उनके पक्ष के इकरार से मुक्त कर दिया गया, “अल्लाह बुतपरस्ती के साथ किए गए इकरार से मुक्त है और इसीलिए उसके रसूल भी मुक्त हैं।“ दूसरों को चार महीने दिये गए कि या तो अपना रास्ता बदलो या मौत का मुकाबला करो। मुसलमानों से कहा गय कि ”जब पवित्र महीने बीत जाएं, तब बुतपरस्तों को जहां पाओ, वहीं कत्ल करो और उन्हें पकड़ लो और घेर लो और उनके लिए प्रत्येक प्रकार की घात लगाओ ….. लो ! अल्लाह माफ करने वाला और दया करने वाला है“ (कुरान 9/5)। मुसलमान सोचते थे कि अगर गैर-मुसलमानों को मक्का-प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, तो उनके व्यापार पर असर पड़ेगा। अतः मुहम्मद ने ”बाजार बंद होने से जो खोने का तुम्हें डर है, उसके मुआवजे के रूप में, यहूदियों पर एक चुंगी-कर का प्रस्ताव रखा-ऐसा इब्न इसहाक बतलाते हैं (सीरत रसूल अल्लाह, 620)। कुरान की प्रासंगिक आयते हैं-”अगर तुम्हें गरीबी का डर है, तो अल्लाह अपनी कृपा से तुम्हें समृद्ध करेगा। ….. उनके खिलाफ जिन्हें किताब दी गई है, और जो अल्लाह पर यकीन नहीं लाते ….. और जो सच्चे मजहब को स्वीकार नहीं करते, तब तक लड़ो जब कि वे अधीनता स्वीकार करके जजिया न देने लगे और तुच्छ बनकर न रहने लगे“ (9/28, 29)।

author : ram swarup

HADEES : NIGHT SESSIONS

NIGHT SESSIONS

We have one important hadIs which provides another indulgence to the believers and also throws some light on the Prophet�s sexual code.  In order to be impartial, a believer should visit his wives by turn.  But while he is in bed with one of them, he is allowed to have his other wives around.  Anas, one of the servants of Muhammad, reports that �all the wives of the Messenger of Allah used to gather every night in the house of one where he [the Apostle] had to come. . . . It was the night in the house of �Aisha, when Zainab came there.  He [the Holy Prophet] stretched his hand towards her [Zainab], whereupon she [�Aisha] said: it is Zainab.  Allah�s Apostle withdrew his hand.  There was an altercation between the two until their voices became loud.� When the morning prayer was announced, AbU Bakr came to get Muhammad; hearing their voices, he said: �Messenger of Allah, come for prayer, and throw dust in their mouths� (3450).

author : ram swarup

‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने वाले नीतीश के मंत्री के खिलाफ फतवा जारी

'जय श्रीराम' का नारा लगाने वाले नीतीश के मंत्री के खिलाफ फतवा जारी

मंत्री खुर्शीद अहमद
‘जय श्रीराम’ का नारा लगाकर सुर्खियों में आने वाले बिहार सरकार के मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद के खिलाफ इमारत-ए-शरिया के काजी ने फतवा जारी किया है. पहले खबरें आयी की ये फतवा इमारत-ए-शरिया ने जारी किया है लेकिन बाद में इस फतवे को शरिया ने खुद से अलग करते हुए कहा कि ये फतवा वहां के काजी मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने जारी किया है.

काजी ने फतवा जारी करते हुए मंत्री खुर्शीद को इस्लाम से खारिज और मुर्तद (विश्वास नहीं करने वाला) करार दिया है. मुफ्ती के मुताबिक जो शख्स जय श्री राम का नारा लगाये और कहे कि मैं रहीम के साथ-साथ राम की भी पूजा करता हूं और मैं हिन्दुस्तान के सभी धार्मिक स्थानों पर मत्था टेकता हूं. ऐसा शख्स इस्लाम से खारिज और मुर्तद है.

जदयू कोटे से मंत्री बने खुर्शीद ने इस फतवे के जवाब में कहा कि अगर बिहार के विकास और सामाजिक सौहार्द के लिये मुझे जय श्री राम के नारे लगाने पड़े तो मैं कभी इससे पीछे नहीं हटूंगा. खुर्शीद ने बिहार विधानसभा पोर्टिको के साथ-साथ मीडिया के कैमरे के सामने भी जय श्रीराम के नारे लगाए थे.

इस दौरान उन्होंने कैमरे के सामने हाथ में बंधे रक्षासूत्र भी दिखाये था. खुर्शीद विधानसभा के बाहर जब मीडिया से इस मामले पर बात कर रहे थे तो उस दौरान भी उन्होंने ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया था. इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक भी कहा कि महागठबंधन से अलग होने के लिए उन्होंने मनोकामना मंदिर में मन्नत भी मांगी थी. मीडिया के कैमरे के सामने उन्होंने अपने हाथ में बंधा कलेवा भी दिखाया. नीतीश की नई कैबिनेट में खुर्शीद को अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है.

खुर्शीद उर्फ फिरोज पश्चिमी चंपारण जिले के सिकटा विधानसभा के विधायक हैं. उन्होंने कहा था कि तेजस्वी और लालू परिवार से बिहार को छुटकारा मिल गया है.

source : http://hindi.news18.com/news/bihar/patna-fatwa-released-against-minster-of-bihar-khurshid-ahmad-1062255.html

लाइव टीवी डिबेट में एंकर से बोले मौलाना, हिंदुओं के घर में भी पढ़ेंगे नमाज

VIDEO : लाइव टीवी डिबेट में एंकर से बोले मौलाना, हिंदुओं के घर में भी पढ़ेंगे नमाज

कार्यक्रम की एंकर लावनी विनीत ने मुस्लिमों द्वारा सार्वजिनक स्थल पर नमाज पढ़ने और हिंदुओं को सिर्फ मंदिरों में पूजा करने के लेकर सवाल उठाए थे।

36 मिनट के इस वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड किया गया है जिसे अबतक हजारों लोग देख चुके हैं। (फोटो सोर्स यूट्यूब स्क्रीन शॉट)

सुदर्शन न्यूज चैनल ने ‘हिंदुओं को समानता कब?’ मुद्दे पर टीवी डिबेट कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें हिंदुओं की धार्मिक समानता और धार्मिक आजादी को लेकर तीखी बहस हुई। कार्यक्रम की एंकर लावनी विनीत ने मुस्लिमों द्वारा सार्वजिनक स्थल पर नमाज पढ़ने और हिंदुओं को सिर्फ मंदिरों में पूजा करने के लेकर सवाल उठाए। दरअसल डिबेट की शुरुआत एक वीडियो से हुई जिसमें मुंबई एयरपोर्ट पर कुछ मुस्लिम कथित तौर पर नमाज पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में तीन लोग है जो बीच में खड़े अधिकारियों और अन्य लोगों से बहस करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी मुद्दे पर एंकर और डिबेट के पेनालिस्ट अशरफ जिलानी के बीच मुस्लिमों के इस व्यवहार को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। गौरतलब है कि कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बिंदु मुस्लिमों द्वारा मस्जिद के बाहर सड़कों, पार्कों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने के एतराज को लेकर था, जिसके जवाब में मुस्लिम धर्मगुरु अशरफ गिलानी ने एंकर से यहां तक कह डाला कि वो बाहर ही नहीं एंकर के घर में भी नमाज पढ़ेंगे। धर्म गुरु ऐसा कई बार कहा। जिसपर चैनल के सीएमडी और चीफ एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके ने कड़ा एतराज जताया है। मामले में उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘लाइव डिबेट में मौलाना ने सुदर्शन की एंकर को उसके घर में जबरन घुस कर नमाज पढ़ने की दी धमकी।’

सुरेश चव्हाणके के इस ट्वीट पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं भी दी हैं। कई यूजर्स ने चैनल के चीफ पर भी पर निशाना साधा है। एक यूजर अनुपम लिखते हैं, ‘गुरु जी आप ने तो मुस्लिमों का बायकॉट कर रखा है। फिर भी इन्हें लाइव टीवी डिबेट में बुलाते हो और जब ये कुछ बोले तो आप परेशान हो जाते हो।’ भूषण लिखते हैं, ‘ऐसा सिर्फ वहीं हो सकता है जहां हिंदू बहुसंख्यक हो। क्या कोई हिंदू पाकिस्तान में बोल सकता है कि वो मुस्लिमों के घर में पूजा करेगा।’ स्वामी लिखते हैं, ‘मौलाना भूल रहे है कि अब भारतीय लोकतंत्र इस्लामिक गुलामी से साल 2014 में आजाद हो गया है। अब कानून सब पर बराबर लागू होगा।’ एक यूजर लिखते हैं, ‘मुस्लिमों को थोड़ी ढील दोगे तो यही होने वाला है। यही उनकी सच्चाई है जो सामने आ गई।’ अशोक उपाध्याय लिखते हैं, ‘मुस्लिम सिर्फ धमकियों का सहारे जिंदा हैं।’ भोपाली लिखते हैं, ‘वाह क्या बात है। लोग घर में घुसकर मारने की धमकी देते हैं और ये साहब घर में घुसकर नमाज पढ़ने की धमकी दे रहे हैं।’ एके शुक्ला मौलाना के इस बयान को शर्मनाक करार देते हुए लिखते हैं, ‘ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’

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Suresh Chavhanke STV 

@SureshChavhanke

लाइव डिबेट में मौलाना ने सुदर्शन न्यूज की एंकर को उसके घर में जबरन घुस कर नमाज़ पढने की दी धमकी . http://fb.me/6rjPu4mUV 

लाइव डिबेट में मौलाना ने सुदर्शन न्यूज की एंकर को उसके घर में जबरन घुस कर नमाज़ पढने की दी धमकी .

ये बयान भी एक असहिष्णुता है जिस पर शायद ही कोई बोलने को तैयार हो .

sudarshannews.com

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source : http://www.jansatta.com/trending-news/molana-sad-will-performing-namaz-hindu-anchor-house-live-tv-debate/389162/