पैगम्बर दाऊद ने ऊरिय्याह की पत्नी से व्यभिचार किया।
2 सांझ के समय दाऊद पलंग पर से उठ कर राजभवन की छत पर टहल रहा था, और छत पर से उसको एक स्त्री, जो अति सुन्दर थी, नहाती हुई देख पड़ी।
3 जब दाऊद ने भेज कर उस स्त्री को पुछवाया, तब किसी ने कहा, क्या यह एलीआम की बेटी, और हित्ती ऊरिय्याह की पत्नी बतशेबा नहीं है?
4 तब दाऊद ने दूत भेज कर उसे बुलवा लिया; और वह दाऊद के पास आई, और वह उसके साथ सोया। ( वह तो ऋतु से शुद्ध हो गई थी ) तब वह अपने घर लौट गई।
5 और वह स्त्री गर्भवती हुई, तब दाऊद के पास कहला भेजा, कि मुझे गर्भ है।
(शमूएल 2 अध्याय 11)
अब दाऊद ने जो व्यभिचार और पाप किया उसे छिपाने को ऊरिय्याह को मरवा डालने की योजना बनाई
14 बिहान को दाऊद ने योआब के नाम पर एक चिट्ठी लिखकर ऊरिय्याह के हाथ से भेजदी।
15 उस चिट्ठी में यह लिखा था, कि सब से घोर युद्ध के साम्हने ऊरिय्याह को रखना, तब उसे छोडकर लौट आओ, कि वह घायल हो कर मर जाए।
(शमूएल 2 अध्याय 11)
अब जब ऊरिय्याह को मरवा डाला जोकि दाऊद की सोची समझी चाल थी –
16 और योआब ने नगर को अच्छी रीति से देख भालकर जिस स्थान में वह जानता था कि वीर हैं, उसी में ऊरिय्याह को ठहरा दिया।
17 तब नगर के पुरुषों ने निकलकर योआब से युद्ध किया, और लोगों में से, अर्थात दाऊद के सेवकों में से कितने खेत आए; और उन में हित्ती ऊरिय्यह भी मर गया।
18 तब योआब ने भेज कर दाऊद को युद्ध का पूरा हाल बताया;
(शमूएल 2 अध्याय 11)
अपनी योजना पूरी हो जाने पर अर्थात दाऊद की कामपिपासा शांत होने की राह का रोड़ा ऊरिय्यह के मर जाने पर फिर ऊरिय्याह की बीवी को अपने घर में डाला
27 और जब उसके विलाप के दिन बीत चुके, तब दाऊद ने उसे बुलवाकर अपने घर में रख लिया, और वह उसकी पत्नी हो गई, और उसके पुत्र उत्पन्न हुआ। परन्तु उस काम से जो दाऊद ने किया था यहोवा क्रोधित हुआ।
(शमूएल 2 अध्याय 11)
ऐसे ऐसे पैगम्बर ईसाइयो में हुए हैं।
अब इन्हे पैगम्बर कौन कहे ?
क्या ये पैगम्बरी के काम थे ?
किसी औरत को नहाते देखना – फिर अपनी काम पिपासा को शांत करने हेतु उस औरत को बुलवा लेना – मौज मस्ती करना – अगर उस औरत का पति राह का रोड़ा बने तो ठिकाने लगवा देना – फिर उस औरत का जमकर उपभोग करना –
भाई फिल्मो में और हालिया जिंदगी में ऐसे काम विलेन करते हैं – यानी खलनायक – यानी बुरे लोग – मगर पुरानी फिल्मो में तो विलेन भी ऐसे नहीं दिखाते थे – कम से कम नारी का सम्मान कुछ तो होता ही था – ये तो पैगम्बर कम – प्रेम चोपड़ा और गुलशन ग्रोवर जैसे लोगो का दादा जरूर लगता है –
आप क्या कहते हो ?
नोट : ऊरिय्याह कौन था ? ये जानना बहुत जरुरी है –
ऊरिय्याह अपने स्वामी दाऊद के प्रति वफादार, कर्तव्यनिष्ठ, सच्चा, ईमानदार और वीर पुरुष था। जो की ऊरिय्याह की दाऊद को बोली इस बात से सिद्ध होता है
7 जब ऊरिय्याह उसके पास आया, तब दाऊद ने उस से योआब और सेना का कुशल क्षेम और युद्ध का हाल पूछा।
8 तब दाऊद ने ऊरिय्याह से कहा, अपने घर जा कर अपने पांव धो। और ऊरिय्याह राजभवन से निकला, और उसके पीछे राजा के पास से कुछ इनाम भेजा गया।
9 परन्तु ऊरिय्याह अपने स्वामी के सब सेवकों के संग राजभवन के द्वार में लेट गया, और अपने घर न गया।
10 जब दाऊद को यह समाचार मिला, कि ऊरिय्याह अपने घर नहीं गया, तब दाऊद ने ऊरिय्याह से कहा, क्या तू यात्रा करके नहीं आया? तो अपने घर क्यों नहीं गया?
11 ऊरिय्याह ने दाऊद से कहा, जब सन्दूक और इस्राएल और यहूदा झोंपडिय़ों में रहते हैं, और मेरा स्वामी योआब और मेरे स्वामी के सेवक खुले मैदान पर डेरे डाले हुए हैं, तो क्या मैं घर जा कर खाऊं, पीऊं, और अपनी पत्नी के साथ सोऊं? तेरे जीवन की शपथ, और तेरे प्राण की शपथ, कि मैं ऐसा काम नहीं करने का।
12 दाऊद ने ऊरिय्याह से कहा, आज यहीं रह, और कल मैं तुझे विदा करूंगा। इसलिये ऊरिय्याह उस दिन और दूसरे दिन भी यरूशलेम में रहा।
देखो ईसाई मित्रो – तुम्हारे बाइबिल में ही तुम्हारे पैगम्बरों के बारे में क्या क्या लिखा है ? फिर भी तुम ऐसे लोगो को श्रेष्ठ पुरुष समझने से बाज़ नहीं आ रहे ?
क्या श्रेष्ठ पुरुष ऐसे ही होते हैं जो :
औरत को नहाते हुए नगनवस्था में देखे ?
अपनी काम पिपासा को शांत भी न कर पाये ?
अपनी कामाग्नि को शांत करने को किसी नारी के साथ व्यभिचार तक कर लेवे ?
और हद्द तो तब हो जाए जब अपनी कामाग्नि से धहकते हुए – उस स्त्री के पति को मारने के लिए चालबाजियां करे ?
धूर्तता से, छल से, कपट से उस वीर को मारे ?
औरत को पाने के लिए चाल चले ?
अपने ही कर्तव्यपरायण, सच्चे, निर्भीक, वफादार, ईमानदार पुरुष को पुरस्कृत करने की बजाये उसे मरवा के उसकी बीवी के साथ रंगरलियां मनाते रहे ?
क्या इसी को ईसाइयत में पैगम्बरी कहते हो ?
और देखो – यहोवा क्रोधित हुआ और दाऊद को क्या कहा –
9 तू ने यहोवा की आज्ञा तुच्छ जान कर क्यों वह काम किया, जो उसकी दृष्टि में बुरा है? हित्ती ऊरिय्याह को तू ने तलवार से घात किया, और उसकी पत्नी को अपनी कर लिया है, और ऊरिय्याह को अम्मोनियों की तलवार से मरवा डाला है।
10 इसलिये अब तलवार तेरे घर से कभी दूर न होगी, क्योंकि तू ने मुझे तुच्छ जानकर हित्ती ऊरिय्याह की पत्नी को अपनी पत्नी कर लिया है।
11 यहोवा यों कहता है, कि सुन, मैं तेरे घर में से विपत्ति उठा कर तुझ पर डालूंगा; और तेरी पत्नियों को तेरे साम्हने ले कर दूसरे को दूंगा, और वह दिन दुपहरी में तेरी पत्नियों से कुकर्म करेगा।
12 तू ने तो वह काम छिपाकर किया; पर मैं यह काम सब इस्राएलियों के साम्हने दिन दुपहरी कराऊंगा।
13 तब दाऊद ने नातान से कहा, मैं ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है। नातान ने दाऊद से कहा, यहोवा ने तेरे पाप को दूर किया है; तू न मरेगा।
14 तौभी तू ने जो इस काम के द्वारा यहोवा के शत्रुओं को तिरस्कार करने का बड़ा अवसर दिया है, इस कारण तेरा जो बेटा उत्पन्न हुआ है वह अवश्य ही मरेगा।
(शमूएल 2 अध्याय 12)
अब बताओ – ये इनके ईश्वर यहोवा का इन्साफ है – मतलब की एक व्यक्ति ने अगर किसी महिला का बलात्कार किया = तो उसकी सजा बलात्कारी की बहन को बलात्कार करके दी जाए –
वाह रे वाह धन्य हो ईसाइयो –
क्या महिला की कोई इज्जत नहीं होती ?
और वो जो बच्चा पैदा हुआ – उसमे उसकी क्या गलती थी ? उस बच्चे को क्यों मार ? मारना तो दाऊद को था –
क्या ये इन्साफ है ?
तो नाइंसाफी किसे कहे ?
कृपया सत्य को समझे –
ज्ञान और विज्ञानं की और लौटे
न्याय और धर्म की और लौटे
सत्य की और लौटे
आओ लौट चलो वेदो की ओर
नमस्ते