लेखक –श्री राम आर्य
ईसाई मजहब व बाइबल का पोलखाता अर्थात ईसाई पैगम्बरों के चरित्रो का कच्चा चिट्ठा –
सारे संसार में बुद्धिमान लोगो ने मनुष्यों के उत्थान के लिए शुभ आचरण करने पर जोर दिया है |मनुष्य यदि उत्तम विचार रखे,परोपकारी वृति रखे ,दीन ,दुखियो निर्बलो,असहायों पर दया दृष्टि रखे ,प्राणिमात्र को अपने अपने कर्मो से किसी भी प्रकार का कष्ट न पंहुचाये,सबके हित में अपना हित समझे,नेत्रों से उत्तम चीजों को देखे,वाणी से श्रेष्ट बातें करे,कानो से शुभ कथाये वार्ता सुने,मन में सदा शुभ विचार व श्रेष्ट संकल्प धारण करे, निराकार सर्वव्यापक जगतकर्ता प्रभु में प्रीती रखे,उसकी भक्ति में मन को लगाये,सदाचार व संयम का जीवन व्यतीत करे मन,बुद्धि व आत्मा को पतित करने वाले मॉस ,मदिरा आदि विष्टा तुल्य गंदे पदार्थो के सेवन से बचे,सत्य ज्ञान प्राप्त करे व महापुरुषों का सत्संग करे तो उसके लिए इस लोक में सुख व म्रत्यु के अनन्तर उत्तम जन्म जन्मान्तर के शुभ कर्मो के परिणाम स्वरूप आत्मा के निर्मल होने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है| यह भारत के आर्यों का वैदिक सिधान्त है|
किन्तु चंद लोगो ने अपना बडप्प्न दिखाने के लिए स्वयं को खुदा का बेटा या खुदा का एक मात्र पैगम्बर अथवा स्वयं को सक्षात्त खुदा बताकर संसार के भोले भाले लोगो को बेवकूफ बनाया है ओर अपने चेलो की संख्या बढ़ाने के लिए यह घोषित किया है कि परमसुख अथवा मोक्ष के हम ही ठेकेदार है,खुदा की तरफ से हम पर ही मोक्ष की सोल एजेंसी है| बिना हमारे ऊपर ईमान लाये मुक्ति किसी को भी नही मिलेगी |हम इंसान को अथवा अपने चेले को मोक्ष ,स्वर्ग,अथवा बहिश्त में घुसने का पासपोर्ट या टिकिट देगे |
जो हमारे चेलो में नाम नही लिखायेगा,आँखे बंद करके हमारे ऊपर ईमान नही लायेगा,हम उसे नर्क या दोजक में ठूस देगे| फिर चाहे उसके कर्म कितने ही अच्छे क्यूँ न हो|
(युहन्ना पर्व १४ का भावार्थ व कुरान शरीफ का सारांश )
इस प्रकार की बातें आपको ईसाई व इस्लाम मजहब में बहुत कुछ मिलेगी| इन दोनों मजहबो के संस्थापको ने बहिश्त के वह नजारे अपने चेलो को फांसने के लिए अपने ग्रंथो या उपदेशो में पेश किये है कि अज्ञानी लोग उनके लालच में फंस कर उनके मजहबो में फंसते रहे है|
इस्लाम का बहिश्त में बहिश्ती शराबे ७०-७० हूरे (अछूत सुन्दरी औरते ) व ७२-७२ गिलमो अर्थात बड़ी बड़ी आँखों वाले खुबसूरत लडको) का लालच अरब के वहशी लोगो को मुसलमान बनाने का प्रधान आकर्षण रहा है ,तो यूरोप के अज्ञानी जन समुदाय को ईसाईयत के बहिश्त व ईसा के फर्जी करिश्मे व खुदा के बेटे पर ईमान लाना एक मुख्य कारण ईसाइयत में प्रवेश कराने का रहा है|
हजरत ईसा मशीह ने खुदा का इकलोता बेटा अपने आप को बताया तो हजरत मुहम्मद साहब ने अपने आप को खुदा का आखरी पैगम्बर बताकर अपने मजहब का प्रचार किया था| हम इस लेख में इस्लाम पर न लिख कर केवल ईसाई मजहब में जनता को कुछ परिचय करवाएंगे |
ईसाई मजहब के धर्मग्रन्थ बाइबिल का यह कहना है की ईसा मसीह खुदा के इकलोते बेटे थे,एक बड़ी बेतुक्की बात है | हजरत खुदा के बेटे है तो उसके बहु,साले,सास,ससुर,सालिया व सलेज वगैरा सभी रिश्तेदार अवश्य होंगे| ईसाई लोग इनके नाम पते बतावे ताकि खुदा की ससुराल का हाल मालुम हो सके |
हजरत खुदा के सिर्फ एक ही बीटा मसीह पैदा हुआ आगे उसने कोई भी औलाद पैदा नही की ,इसका क्या कारण है? क्या वजह हुई कि खुदा की गर्भवती बीवी ने खुदा को छोड़ कर जल्दी युसूफ नाम के बढई को पसंद कर लिया ओर शादी कर ली?
खुदा को अपने क्वारेपन की पहली औलाद ईसा को अपने पिता के घर में जन्म न देकर गैर आदमी से शादी करके उसके घर उसके घर जाकर जन्म देने की श्रीमती आदरणीय मरियम महोदय को क्यों आवश्कता पड़ी ? क्या इस रहस्य को इसाई विद्वान पादरीगण खोल सकेंगे?
जब खुदा के बेटे मसीह को इंसान ने फांसी दे कर मारा तो वह सूली पर चिल्लाता रहा कि –
“ है मेरे बाप! मुझे बचा लो “(मती २७/४६)”
तो खुदा अपनी एक मात्र औलाद को बचाने क्यों नही आया? ईसा ने बड़े जोर से चिल्ला चिल्लाकर फांसी के तख्ते पर प्राण छोड़ा| (मती २७/५०)
इससे सिद्ध हुआ है की ईसा मौत से बेहद डरता था| उससे भारत के लाल भगत सिंह जैसे लोग ज्यादा बहादुर थे जिन्होंने हँसते हुए अपने हाथो से फांसी का फंदा गले में पहिना था| वीर जोरावर की मिसाइल ईसा से कही ज्यादा ऊँची है जो हँसते हसते हुए धर्म के लिए दीवार में चुने गये उस पर ईसा खुद को साक्षात खुदा का बेटा मानते थे तो बाप का धर्म था बेटे की मदद करता|
बेटे तीन तरह के होते है,(१) पूत(२)सपूत ओर (३)कपूत |पूत वह जो बाप के जैसा हो| सपूत वह जो बाप से बढ़ कर काम करे| कपूत वह जो बाप का नाम डुबो दे|
हो सकता है कि ईसामसीह खुदा के भी पूत व सपूत न होकर तीसरे नंबर के बेटे हो ओर शायद इसी के लिए खुदा ने उनको त्याग दिया हो| बहुत सम्भव है कि जैसे दुनिया को पैदा करके खुदा बाईबिल में पछताया (उत्पत्ति)
वैसे ही एक औलाद ईसा को पैदा कर पछताया हो ओर दुखी हो कर आगे को ब्रह्मचर्य धारण कर बेठा हो|
ईसाइयों का मजहब क्या है? एक तमाशा है| ईसाई खुदा के यहा बेटा है बीवी है बेठने के लिए तख़्त है, रहने को मकान है,रक्षा के लिए फोज है,खिदमत के लिए फरिस्ते है|अपने मकान से उतर कर अदन के बाग़ में ठंडी ठंडी हवाओं में सैर करता है ओर आदम से बातें करता है| (उत्त्पति)
शेतान से डरता है| गुंडा शेतान जिन गरीब लोगो पर हावी हो जावे उन्हें दंड देता है,शेतान को सजा देने की उसमे शक्ति नही है|
“खुदा याकूब से रात भर कुश्ती लड़ता है ओर न वह याकूब को पछाड़ पाता है,न याकूब को गिरा पाता है|(उत्पति ३२)”
“इंसान को आदमी के पाखाने से रोटी पका कर खाने की आज्ञा देता है|”(जेह्केल पर्व ४)
“बाप को अपनी बेटी से व्यभिचार व शादी करने की आज्ञा देता है तथा उसे अच्छा काम बताता है|(करन्थियो ३६-३७-३८)”
“उसका बेटा मसीह शराब पीता है|(मती११/११)”
“वह गधो की चोरी कराता है|(युहन्ना१२/१४ तथा लूका १९/३०)”
“ईसा खुदा का सोल एजेंट होने का दावा करता है(युहन्ना १४/६)”
“यहोवा परमेश्वर औरतो को नंगा करता है|(याशाशाह३/१६-१७)”
“ईसाई पैगम्बर अत्यंत चरितहीन थे|यहूदा ने अपने बेटे की बहु से व्यभिचार किया|(उत्पत्ति ३८/१२-२०)”
“पैगम्बर लूत ने अपनी खास बेटियों से शराब पी करके उन्हें गर्भवती बनाया|(उत्पत्ति १९/३३-३८)”
“हजरत अविराहम ने अपनी बहन से व्यभिचार किया व झूठ-मुठ की शादी की|(उत्पत्ति १२/११-१३)”
“याकूब ने अपनी दासियों के साथ व्यभिचार किया व उसके बेटी दीन ने हमुर के बेटे सिकम के साथ व्यभिचार किया|(उत्पत्ति ३४२४-३०)”
“पैगम्बर दाउद ने उरियाह की खुबसूरत बीवी से व्यभिचार किया,उरियाह को मरवा डाला व उसकी बीवी को अपने घर में डाल लिया|(सैमुएल२ पर्व ११/२-२५)”
“दाउद के बेटे आमुनुन ने अपनी सगी बहिन तामार के साथ जबरदस्ती काला मुह (व्यभिचार) किया |(सैमुएल२/१३/१-२०)”
“ईसा की माँ मरियम क्वारेपन में ही बाप के घर से गर्भवती होकर आई थी ओर उसी से ईसामसीह पैदा हुए |(इंजील १/१८-९)”
“ईसा ने गधा चुरवाया|(मती २१/१-७)”
“इसराइल में रुबेन ने अपने पिता की बीवी के साथ व्यभिचार किया|
मूसा ने फोज की क्वारी अछूती कन्याओ से खुले में व्यभिचार की आज्ञा दी (गिनती नामक पुस्तक ३१/१४-१८)”
ईसाई खुदा अत्यंत बहरम बी जाहिल है|वह मर्द,औरतो,नन्हे मासूम बच्चे,भेड़,ऊंट,गधे आदि निर्दोषों को अत्यंत बेरहमी से क़त्ल करने की आज्ञा देता है|(१ सेमुएल १५/२)
“बाइबिल ईसाई मजहब को धोखे व मक्कारी से फ़ैलाने की आज्ञा देता है|(चोलास का फिलोपियो को ख़त १/१८)”
बाइबल मंदिरों व मूर्तियों को तोड़ डालने की आज्ञा देती है|(व्यवस्था विवरण१३/९)
बाइबल इतवार के दिन काम करने वालो को मार डालने का आदेश देती है|(निर्गमन३५/२)
“इसाई तालीम औरतो को व्यभिचार के लिए लुटने का हुक्म देती है|(न्यायियों को २१/२१)”
“ईसाई तालीम पर स्त्री,माल व बाल बच्चो को लुटने की व्यवस्था देती है|(विव्रन२०/१४)”
“ईसा ने लोगो को लड़ने के लिए शस्त्र खरीदने का आदेश दिया है| उसने कहा की मै दुनिया में झगड़े फसाद पैदा कराने आया हू| मत समझो कि मै मुहब्बत पैदा कराने आया हू|(मती१०/३४-३६)”
“ईसा ने कहा जितने भी पैगम्बर मुझसे पहले आये सब चोर डाकू थे(योहन रचित सुसमाचार पर्व १०/९)”
इससे सिद्ध होता है कि ईसाई पैगम्बर चोर ओर डाकू थे| उनके चरित भी ख़राब थे| ऐसे ख़राब चरित्रों के लोगो को केवल इसाई लोग ही भला भला आदमी व पैगम्बर मान सकते है| दुनिया के लोग ऐसो के नाम से भी घृणा करंगे|
जब पैगम्बर का यह हाल है तो उसके अनुगामी लोगो के चरित्र क्यूँ कर न भ्रष्ट होंगे,जैसे गुरु वैसा चेले होने चाहिए|
ईसाई मजहब एक गलत मजहब है| वह लोगो को गुमराह करता है| इसीलिए कोई समझदार आदमी इस मजहब में प्रवेश नही करता है| ईसाई लोग धोखे,मक्कारी व लोभ लालच से भोले बेपढ़े गरीब मेहतरो को बहका कर ईसाई बना लेते है| किसी पढ़े लिखे आदमी से यह कभी बात करने की हिम्मत नही करते है|
ये भारत में पैदा हुए भारतीय अन्न जल से पले,भारतीय इसाई आज स्वतंत्र देश के नागरिक होते हुए अपने भारतीय पूर्वज राम कृष्ण को भूल कर विदेशी ईसा को अपना दिल व दिमाग बेच कर उसकी उपासना करते है| उसकी गुलामी में फंसे है| कितनी शर्म की बात है कि जिनके रक्त से पैदा है उन्ही को भूल बेठे है|
मेरे इसाई बंधुओ तुम्हारा ओर हम भारतीयों का खून का रिश्ता है,विदेशी ईसा से तुम्हारा पानी का रिश्ता है| खून का रिश्ता पानी के रिश्ते से वजनी होता है|जब देश स्वतंत्र हो गया तो हमारे देश के लिये| भारतीय आर्य रक्त वालो के लिए यह कलंक की बात है कि अपने देश के महापुरुषों को त्याग कर विदेशियों की गुलामी में अपने दिमाग को ख़राब करे| अत: मै भारतीय इसाई बंधुओ से अपील करता हु कि वै आर्य समाज में शुद्धि करा कर अपने पूर्वजो के सत्य वेद धर्म को स्वीकार करे,ओर मानव जीवन को सफल करे|
ईसा के अंध भक्त विदेशीय पादरियों से भी मुझे दो शब्द कहने हैं कि तुम लोग अपने घर योरोप व अमेरिका में जाकर पाहिले उसे ठीक करो जहा चोरी,जिनाखोरी,शराब,गोश्तखोरी बदकार आम रिवाजे है|सारा ईसाई संसार एक दुसरे के खून का प्यासा है| गत दो महायुद्ध इसका सबूत है|
तुम भारत में बदमाशिया करना बंद करो| भारत के लोग धर्म के बारे में तुमसे ज्यादा जानते है|तुम अभी धर्म ज्ञान के बारे में बच्चे हो| अपनी शुद्धि करा कर हम आर्यों से अभी तुम धर्म के बारे में शिक्षा प्राप्त करो|
तुम्हारे धर्म में दुनिया की सारी बुराइया भरी हुई है| एक भी ऐसी ज्ञान विज्ञानं की बात ईसाई मजहब या बाइबल में नही है जिस पर तुम गर्व कर सको, जिस थोथे धर्म को धोखे,मक्कारी व लालच से तुम भारत के गरीबो में फ़ैलाने चले हो उसका खंडन तो भारत का बच्चा बच्चा कर सकता है| इसलिए नौकरियों व लम्बी लम्बी तनख्वाहो के कारण तुम लोगो को गुमराह करने की कोशिश करने से बाज आओ| वरना दम हो तो शाश्त्रथो द्वारा अपने धर्म की सत्यता सिद्ध करने के लिए मैदान में उतरो| यह हमारे सारे ईसाई जगत को निमंत्रण है|
जिन विदेशिय पादरियों का ऐसा ख्याल है कि वे भारत निवासियों को ईसाई बना कर (योरोप अमरीका वालो के हम मजहब बना कर) पुन: भारत को विदेशियों का गुलाम बना सकेंगे वे मुर्ख की दुनिया में रहते है | ऐसे देश द्रोही पादरियों को भारत से तुरंत बाहर निकाल देना भारत सरकार का कर्तव्य है|
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