अरबी खुदा ने लूटें कराई
क्या इससे यह साबित नहीं है कि लूट के शौकिन गुण्डों को इस्लाम में भर्ती कराके निर्दोष प्रजा को लुटवा कर खुदा ने गुण्डापन का कार्य किया था और मुहम्मद की सेना में लुटेरे भर्ती किये गये थे। क्या जनता को लुटवाना खुदा का काम हो सकता है?
स्पष्ट है अरबी खुदा व इस्लाम शान्ति व प्रेम के स्थान पर गुण्डागर्दी व लूट मार का प्रचार करता है। बंगलादेश इसकी ताजा मिसाल है?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
ल-कद् रजियल्लाहु अनिल्………..।।
(कुरान मजीद पारा २६ सूरा फत्ह रूकू २ आयत १८)
(ऐ पैगम्बर)! जब मुसलमान बबूल के दरख्त के नीचे मुझसे हाथ मिलाने लगे तो अल्लाह उनसे खुश हुआ और उसने उनके दिली विश्वास को जान लिया और उनको तसल्ली दी और उसके बदले में नजदीकी फतह दी।
व मगानि-म कसी-र तंय्यअ्………..।।
(कुरान मजीद पारा २६ सूरा फत्ह रूकू २ आयत १९)
और बहुत सी लूटें उनके हाथ लगी और अल्लाह बड़ी हिकमतवाला है।
व-अ-दकुमुल्लाहु मगानि-म कसी………।।
(कुरान मजीद पारा २६ सूरा फत्ह रूकू २ आयत २०)
अल्लाह ने तुमको बहुत सी लूटों के देने का वायदा किया था कि तुम उसे लोगे फिर यह (खैबर की लूट) तमको जल्द दी और दूसरे लोगों पर जुल्म करने से तुमको रोका।
व उख्रा लम् तक्दिरू अलैहा कद्……….।।
(कुरान मजीद पारा २६ सूरा फत्ह २ आयत २१)
और दूसरा वायदा लूट का है जो तुम्हारे काबू में नहीं आया वह खुदा के हाथ में है और खुदा हर चीज पर काबिज है, अर्थात कुदरत रखता है।
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लूट अत्यन्त गन्दा काम है। गरीब औरतें बच्चे प्रजा बरबाद हो जाते हैं। पर अरबी खुदा को यह गन्दा काम भी पसन्द था और वह मुसलमानों को लूट करानें में मदद देता था।
वायदा भी करता था तथा लूट के माल में से पट्ठा पांचवां हिस्सा खुद भी अपने नाम पर मारता था देखिये-
व अ्-लम् अन्नमा गनिम्तुत् मिन्……..।।
(कुरान मजीद पारा ९ सूरा अन्फाल रूकू ५ आयत ४१)
और जान रक्खो कि जो चीज तुम काफिरों से लूटकर लाओ उसमें से पांचवाँ हिस्सा खुदा का और उसके रसूल का।
समीक्षा
ऐसे बेरहम अन्यायी अत्याचरी अरबी खुदा से दुनियाँ जितनी दूर रहे उतना ही उसके लिए अच्छा होगा।