“अमर शहीद भगत सिंह को श्रद्धाजंली” -मनमोहन कुमार आर्य।

देश को अंग्रेजों के अत्याचारों से मुक्त कराने तथा गुलामी दूर कर देशवासियों को स्वतन्त्र कराने के स्वप्नद्रष्टा शहीद भगत सिंह जी का २८ सितम्बर को 109 वां जन्म  दिवस था। शहीद भगद सिंह ने देश को स्वतन्त्र कराने के लिए जो देशभक्ति के साहसिक कार्य किये और जेल में यातनायें सहन कीं, उन्हें देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वह देशभक्त, वीर, साहसी, बलिदानी भावना वाले भारत माता के ऐसे पुत्र थे जिन पर भारतमाता व देश को गर्व है। हमें यह पंक्तियां लिखते हुए उनके जीवन की वह घटना याद आ रही है जब कोर्ट में हसंने पर अंग्रेज न्यायाधीश ने उनसे कहा था कि यह कोर्ट का अपमान है। इस पर वह बोले थे कि जज महोदय, मैं तो फांसी के फन्दे पर खड़ा हो कर भी हंसूगां, तब यह किस कोर्ट का अपमान होगा?

भगत सिंह जी के पिता का नाम सरदार किशन सिंह, माता का नाम विद्यावती और दादा का नाम सरदार अर्जुन सिंह था। आपका पूरा परिवार सिख होकर भी आर्यसमाजी था। सरदार अर्जुन सिंह जी के बारे में तो हमने पढ़ा है कि वह जब कहीं जाते थे तो हवन कुण्ड उनके साथ होता था और वह प्रतिदिन हवन करते थे। भगत सिंह जी दयानन्द ऐग्लो वैदिक स्कूल में पढ़े थे तथा भाई परमानन्द जैसे महर्षि दयानन्द जी के प्रसिद्ध क्रन्तिकारी भक्त उनके मार्गदर्शक थे। भगत सिंह जी का यज्ञोपवीत संस्कार भी हुआ था जो आर्य समाज के पुरोहित पं. लोकनाथ तर्क वाचस्पति जी ने कराया था। अमेरिका यान से अन्तरिक्ष वा चन्द्रमा में जाने वाले श्री राकेश शर्मा पं. लोकनाथ जी के ही पौत्र हैं। यह भी ऐतिहासिक तथ्य है कि साण्डर्स को गोली मारने के बाद भगतसिंह जी वेश बदल कर कोलकत्ता गये थे और वहां आर्यसमाज में निवास किया था। आप जब कलकत्ता से अन्यत्र गये तो अपने भोजन के बर्तन वहीं आर्यसमाज के सेवक को दे आये थे और उससे कहा था कि इनमें किसी देशद्रोही को भोजन मत कराना।

 

पंजाब केसरी लाला लाजपतराय महर्षि दयानन्द के शिष्य थे। वह कहते थे कि आर्य समाज मेरी माता है और महर्षि दयानन्द मेरे पिता हैं। आजादी के आन्दोलन में लाला लाजपत राय और भगतसिंह के चाचा श्री अजीत सिंह, यह दो ही ऐसे वीर क्रान्तिकारी थे जिन्हें जलावतन अर्थात् देश निकाला दिया गया था और यह दोनों ही महर्षि दयानन्द व आर्यसमाज के अनुयायी थे। लाला लाजपत राय पर अंग्रेजों ने जो लाठियां बरसाईं थी, उसका बदला लेने की कसम ही भगत सिंह जी ने खाई थी और उसी कारण उन्होंने साण्डर्स को अपनी पिस्तौल का निशाना बनाया था। इस देश भक्ति के गौरवपूर्ण कार्य के लिए उन्हें व उनके दो साथियों सुखदेव और राजगुरू को भी उनके साथ फांसी दी गई थी। हमें याद है कि हमने अपनी 12 वर्ष की आयु में सन् 1964 में फिल्म कलाकार मनोज कुमार निर्मित शहीद फिल्म देखी थी। लगभग 7 या 8 बार हमने चकरौता के सैनिक सिनेमाघर में इसे देखा था। चकरौता में हमारे पिता सैनिक क्षेत्र में उन दिनों कार्य करते थे और हम गर्मीयों के स्कूल के अवकाश में वहां गये हुए थे। हमें अभी तक याद है कि इस फिल्म को देखकर ही हमने भगत सिंह और अन्य देशभक्तों से प्रेरणा ग्रहण की थी। तभी से इस फिल्म के प्रायः सभी गाने हमें स्मरण थे और हम विद्यार्थी काल में इन्हें प्रायः गुनगुनाया करते थे। 1- मेरा रंग दे बसन्ती चोला, 2- वतन, वतन हमको तेरी कसम, तेरी राह में जान तक लुटा जायेंगे, फूल क्या चीज है तेरे कदमों में हम, भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे तथा 3- सरफरोसी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजूएं कातिल में है, आदि इसके प्रमुख गीत थे।

 

शहीद भगत सिंह जी के जन्म दिवस पर हमारी उनको श्रद्धांजलि है।

 

मनमोहन कुमार आर्य 

ईसा (यीशु) एक झूठा मसीहा है – पार्ट 1

सभी आर्य व ईसाई मित्रो को नमस्ते।

प्रिय मित्रो, जैसे की हम सब जानते हैं – हमारे ईसाई मित्र – ईसा मसीह को परम उद्धारक और पापो का नाशक मानते हैं – इसी आधार पर वो अपने पापो के नाश के लिए ईसा को मसीह – यानी उद्धारक – खुदा का बेटा – मनुष्य का पुत्र – स्वर्ग का दाता – शांति दूत – अमन का राजकुमार – आदि आदि अनेक नामो से पुकारते हैं –

इसी आधार ईसा को पापो से मुक्त करने वाला और – स्वर्ग देने हारा – समझकर – अनेक हिन्दुओ का धर्म परिवर्तन करवाकर – उन्हें स्वर्ग की भेड़े बनने पर विवश करते हैं – ईसा का पिछलग्गू बना देते हैं – नतीजा – हिन्दू समाज धर्म को त्याग कर – मात्र स्वर्ग के झूठे लालच में ईसा के पीछे भटकता रहता है –

सोचने वाली बात है – ईसाई जो ऐसा षड्यंत्र रच रहे की ईसा से पाप मुक्ति होगी और ईसा को मानने वाला स्वर्ग में प्रवेश करेगा – क्या ये वास्तव में होगा ? क्या ये षड्यंत्र है अथवा सत्य ? क्या कभी धर्म को त्याग कर मनुष्य केवल एक भेड़ बन जाने से स्वर्ग पा सकता है ?

क्या कहती है बाइबिल ?

बाइबिल के अनुसार – सच्चे मसीह को पहिचानने के लिए बाइबिल में कुछ भविष्यवाणियां की गयी थी – जो उन भविष्यवाणियों पर खरा उतरेगा वो ही मसीह कहलायेगा – और जो भविष्यवाणियों पर खरा नहीं उतरेगा वो झूठा मसीह होगा – ऐसे मसीह अनेक आएंगे – जो खुद को ईसा और पाप का नाशक कहेंगे – मगर लोगो को सावधान रहकर – सच्चे मसीह पर विश्वास करना होगा – जो झूठे मसीह पर विश्वास करेगा – वो पापी ही कहलायेगा – वो कभी स्वर्ग नहीं जा सकता – ये बाइबिल का कहना है।

आइये एक नजर डाले – जिस ईसा पर विश्वास करके हमारे ईसाई भाई – हिन्दुओ को बहका कर उनका धर्म परिवर्तन कर रहे – वो ईसा क्या सचमुच बाइबिल के आधार पर – मुक्तिदाता है ? क्या वाकई ये ईसा – कोई मसीह है ? क्या वाकई ईसा पर विश्वास करने से मनुष्य स्वर्ग जाएगा ? कहीं ये कोई ढकोसला, अन्धविश्वास या षड्यंत्र तो नहीं ?

आइये एक नजर इसपर भी की क्या ये ईसा वही मसीह है जो खुदा का बेटा है – ये वही मसीह है जो मनुष्यो को पाप मुक्त करके स्वर्ग और सुख शांति देगा ?

मुख्यरूप से तीन भविष्यवाणियां हैं – जिनके द्वारा सच्चे मसीह को पहिचाना जा सकता है – लेकिन “ईसा” इन मुख्य तीन भविष्यवाणियों पर खरा नहीं उतरता – आइये देखे –

पहली भविष्यवाणी –

23 कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “ परमेश्वर हमारे साथ”। (मत्ती अध्याय १)

इस भविष्यवाणी में कहा गया की एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी – उसका नाम “इम्मानुएल” रखा जाएगा – लेकिन सच्चाई ये है की “ईसा” को पूरी बाइबिल में – कहीं भी – किसी ने भी – यहाँ तक की ईसा के माता पिता ने भी ईसा को “इम्मानुएल” नाम से नहीं पुकारा – न ही इस बच्चे का नाम “इम्मानुएल” रखा – देखिये –

25 और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उस ने उसका नाम यीशु रखा॥

जब भविष्यवाणी ही “इम्मानुएल” नाम की हुई तो क्यों “ईसा” नाम रखा गया ?

दूसरी भविष्यवाणी –

3 अपने पुत्र हमारे प्रभु यीशु मसीह के विषय में प्रतिज्ञा की थी, जो शरीर के भाव से तो दाउद के वंश से उत्पन्न हुआ। (रोमियो अध्याय १)

29 हे भाइयो, मैं उस कुलपति दाऊद के विषय में तुम से साहस के साथ कह सकता हूं कि वह तो मर गया और गाड़ा भी गया और उस की कब्र आज तक हमारे यहां वर्तमान है।
30 सो भविष्यद्वक्ता होकर और यह जानकर कि परमेश्वर ने मुझ से शपथ खाई है, कि मैं तेरे वंश में से एक व्यक्ति को तेरे सिंहासन पर बैठाऊंगा। (प्रेरितों के काम, अध्याय २)

यहाँ से साफ़ है – भविष्यवाणी हुई थी की दाऊद के वंश से – खासकर “शारीरिक वंशज” – यानी दाऊद के वंश में संतानोत्पत्ति (सेक्स) करके उत्पन्न होगा – वो मसीह होगा – लेकिन हमारे ईसाई मित्र तो कहते हैं की – मरियम – कुंवारी ही गर्भवती हुई ?

इसका मतलब – मरियम के साथ – सेक्स नहीं हुआ – फिर दाऊद का वंशज जो सिंघासन पर बैठना था – वो ईसा कैसे ?

तीसरी भविष्यवाणी –

16 क्योंकि उस से पहिले कि वह लड़का बुरे को त्यागना और भले को ग्रहण करना जाने, वह देश जिसके दोनों राजाओं से तू घबरा रहा है निर्जन हो जाएगा। (यशायाह, अध्याय 7)

यहाँ भविष्यवाणी में बताया जा रहा है – जब वो मसीह परिपक्वता, सिद्धि – प्राप्त कर लेगा – उससे पहली ही यहूदियों के दोनों देश तबाह और बर्बाद हो जाएंगे – बाइबिल के नए नियम में – इस भविष्यवाणी के बारे में कोई खबर नहीं है – यानी ईसा को जब सिद्धि हुई – तब यहूदियों के दोनों देश बर्बाद हुए – इस बारे में – नया नियम खामोश है –

इन सभी मुख्य तीन भविष्यवाणियों से सिद्ध होता है – की ईसाई समाज जिस ईसा को – खुदा का बेटा – पाप नाशक – और स्वर्ग का दाता – कहते और मानते हैं – वो ईसा तो बाइबिल के आधार पर ही – मसीह सिद्ध नहीं होता – फिर क्यों – हिन्दुओ को मुर्ख बनाकर – उनको धर्मभ्रष्ट कर के – स्वर्ग का लालच देते हैं ?

मेरे ईसाई मित्रो – ये इस कड़ी का पहला भाग है – इसका दूसरा भाग जल्दी ही मिलेगा – जिसमे – खंडन होगा ईसाइयो के उस षड्यंत्र का जिसमे जबरदस्ती ईसा को मसीह सिद्ध करने की चाल ईसाई मिशनरी – चल रही – और मनुष्य को ईश्वर की जगह शैतान की राह पर चलाने का षड्यंत्र कर रही हैं।

अभी भी समय है – मनुष्य जीवन का लाभ उठाओ – धर्म की और आओ – हिन्दुओ भेड़ बनने से अच्छा है – मनुष्य ही बने रहो – वेद की और लौटो – अपने आप ही ये धरती स्वर्ग बन जायेगी –

लौटो वेदो की और

नमस्ते