उपवास का पुण्य
उपवास रखने के अनेक पुण्य हैं। मुहम्मद बतलाते हैं-”उपवासकत्र्ता की सांस अल्लाह को कस्तूरी की सुगन्ध से ज्यादा प्रिय है। कयामत के रोज, जन्नत में रय्यान नाम का दरवाजा होगा। सिर्फ रोजे रखने वालों को ही उसमें प्रवेश पाने दिया जाएगा। और जब उनमें से आखिरी आदमी भीतर जा चुका होगा तो वह बन्द कर दिया जायेगा और कोई फिर भीतर नहीं जा पायेगा“ (2569)।
जो व्यक्ति उपवास के साथ-साथ जिहाद कर रहा हो, उसका प्रतिदान बहुत है। ”अल्लाह का हर सेवक, जो अल्लाह के रास्ते में एक दिन का रोज़ा रखेगा, अल्लाह उस एक दिन की वजह से उसका चेहरा जहन्नुम की आग से सत्तर साल की दूरी तक हटा देगा“ (2570)।
author : ram swarup