कुरान में बीबियाँ बदलने का आदेश
कुरान में लिखा है की-
“अगर तुम्हारा इरादा एक बीबी को बदल कर उसकी जगह दूसरी बीबी करने का हो तो जो तुमने पहिली बीबी को बहुत सामान दे दिया हो तो भी उसमे से कुछ भी न लेना |
क्या किसी को तौहमत लगा कर जाहिर बेजा बात करके अपना दिया हुआ वापिस लेते हो ?”
(कुरान सुरह निसा आयत २०)
तलाक देकर या बिना तलाक दिए मर्दों को इच्छानुसार आपस में अपनी बीबियाँ बदल लेने का अधिकार कुरान ने इस शर्त पर दिया है की इसे दिया हुआ माल वापिस न लिया जावे |
इस शर्त का पालन करने वाले दो दोस्त आपस में अपनी बीबियाँ ऐसे ही बदल सकते हैं जैसे लोग अपनी बकरी या गाय, भेंस आदि बदल लेते हैं |
हिन्दू समाज में पति-पत्नी का रिश्ता जीवन भर के लिए अटूट होता है, पर इस्लाम में मर्द जब चाहे तब अपनी पुरानी बीबी को अपनी पुराणी जूती की तरह नई नवेली बीबी से बदल सकता है |
इस्लाम में कोई बीबी नहीं जानती की उसका शौहर कब उसे किसी दूसरी नई बीबी से बदल लेवे | इसके लिए तलाक का आसान तरीका इस्लाम में चालु जो है |
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