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कुरान समीक्षा : सूरज लपेटना और तारे झड़ना

सूरज लपेटना और तारे झड़ना

सूरज को चादर में लपेटा जावेगा या रस्सी से बाँधा जावेगा? और तारे झाड़कर किसी मैदान में जमा किये जावेंगे किसी तालाब में, या अरब में किसी विशेष स्थान पर इकट्ठे किये जावेंगे ? क्या यही खुदाई इल्म का नमूना है?

देखिये कुरान में कहा गया है कि-

इजश्शम्सु कुव्विरत्……………।।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा तक्वीर रूकू १ आयत १)

……….जिस वक्त सूरज लपेट लिया जायेगा।

व इजन्नजुजूमुन-क-द-रत्…………..।।

(कुरान मजीद परा ३० सूरा तक्वीर रूकू १ आयत २)

……….और जिस वक्त तारे झड़ पड़े

व इजस्समाउ कुशितत्………….।।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा तक्वीर रूकू १ आयत ११)

……..जिस वक्त आसमान की खाल खींची जायेगी।

इजस्समाउन्फ त-रत…………..।।

(कुरान मजीद पारा ३० सूरा इन्फितार रूकू १ आयत १)

……….जब आसमान फट जाये।

समीक्षा

सूरज को किस चादरे में लपेटा जायेगा? और तारे जो जमीन से भी कई गुणा बड़े-बड़े लोक हैं वह झड़ कर कहाँ पर गिरेंगे? कुरान की कल्पना भी प्रलय की विलक्षण है।

शून्य आकाश का फाड़ा जाना व उसकी खाल खींची जाना लिखना अक्लमन्दी की बात नहीं है।

नोट- आप कुरान-ए मजीद की यह सूरा तक्वीर जरूर पढ़ें, जहां अनेकों असम्भव बातों का जिकर अल्लाह मियाँ की ओर से किया गया है।

लाजपत राय अग्रवाल