कुरान फरिश्ते का पैगाम है
कुरान जब यह खुली घोषणा कसम खा-खाकर करता है कि यह एक फरिश्ते का पैगाम है तो वह खुदाई पैगाम नहीं रहा। क्या खुदा भी कोई फरिश्ता था? कुरान को खुदाई साबित करों।
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
वल्लैलि इजा अस्-अस…………।।
(कुरान मजीद पारा २२ सूरा तक्वीर रूकू १ आयत १७)
और रात की कसम जब उसका उठान हो।
वस्सुब्हि इजा त-नफ्फस………….।।
(कुरान मजीद पारा २२ सूरा तक्वीर रूकू १ आयत १८)
और सुबह की (कसम) जिस वक्त उसकी पौ फटती है।
इन्नहू लकौलु रसूलिन् करीमिन्……….।।
(कुरान मजीद पारा २२ सूरा तक्वीर स्कू १ आयत १९ )
बेशक ! यह (कुरान) एक प्रतिष्ठत फरिश्ते का पैगाम है।
वह मा हु-व बिकौलि शैतानिर्…………।।
(कुरान मजीद पारा २२ सूरा तक्वीर रूकू १ आयत २५)
यह शैतान ‘‘मर्दूद’’ का कहा हुआ नहीं है।
समीक्षा
यह तो कोई नहीं कहता कि कुरान शैतान का कहा हुआ है, मगर इसमें यह भी साफ शब्दों में घोषणा कर दी गई है कि कुरान प्रतिष्ठित फरिश्ते का पैगाम है।
अर्थात् यह खुदा के द्वारा कहा गया या उसका बनाया हुआ या उसका भेजा हुआ पैगाम अर्थात् खुदायी किताब हरगिज नहीं है।