VIDEO : लाइव टीवी डिबेट में एंकर से बोले मौलाना, हिंदुओं के घर में भी पढ़ेंगे नमाज
कार्यक्रम की एंकर लावनी विनीत ने मुस्लिमों द्वारा सार्वजिनक स्थल पर नमाज पढ़ने और हिंदुओं को सिर्फ मंदिरों में पूजा करने के लेकर सवाल उठाए थे।
सुदर्शन न्यूज चैनल ने ‘हिंदुओं को समानता कब?’ मुद्दे पर टीवी डिबेट कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें हिंदुओं की धार्मिक समानता और धार्मिक आजादी को लेकर तीखी बहस हुई। कार्यक्रम की एंकर लावनी विनीत ने मुस्लिमों द्वारा सार्वजिनक स्थल पर नमाज पढ़ने और हिंदुओं को सिर्फ मंदिरों में पूजा करने के लेकर सवाल उठाए। दरअसल डिबेट की शुरुआत एक वीडियो से हुई जिसमें मुंबई एयरपोर्ट पर कुछ मुस्लिम कथित तौर पर नमाज पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में तीन लोग है जो बीच में खड़े अधिकारियों और अन्य लोगों से बहस करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी मुद्दे पर एंकर और डिबेट के पेनालिस्ट अशरफ जिलानी के बीच मुस्लिमों के इस व्यवहार को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। गौरतलब है कि कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बिंदु मुस्लिमों द्वारा मस्जिद के बाहर सड़कों, पार्कों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने के एतराज को लेकर था, जिसके जवाब में मुस्लिम धर्मगुरु अशरफ गिलानी ने एंकर से यहां तक कह डाला कि वो बाहर ही नहीं एंकर के घर में भी नमाज पढ़ेंगे। धर्म गुरु ऐसा कई बार कहा। जिसपर चैनल के सीएमडी और चीफ एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके ने कड़ा एतराज जताया है। मामले में उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘लाइव डिबेट में मौलाना ने सुदर्शन की एंकर को उसके घर में जबरन घुस कर नमाज पढ़ने की दी धमकी।’
सुरेश चव्हाणके के इस ट्वीट पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं भी दी हैं। कई यूजर्स ने चैनल के चीफ पर भी पर निशाना साधा है। एक यूजर अनुपम लिखते हैं, ‘गुरु जी आप ने तो मुस्लिमों का बायकॉट कर रखा है। फिर भी इन्हें लाइव टीवी डिबेट में बुलाते हो और जब ये कुछ बोले तो आप परेशान हो जाते हो।’ भूषण लिखते हैं, ‘ऐसा सिर्फ वहीं हो सकता है जहां हिंदू बहुसंख्यक हो। क्या कोई हिंदू पाकिस्तान में बोल सकता है कि वो मुस्लिमों के घर में पूजा करेगा।’ स्वामी लिखते हैं, ‘मौलाना भूल रहे है कि अब भारतीय लोकतंत्र इस्लामिक गुलामी से साल 2014 में आजाद हो गया है। अब कानून सब पर बराबर लागू होगा।’ एक यूजर लिखते हैं, ‘मुस्लिमों को थोड़ी ढील दोगे तो यही होने वाला है। यही उनकी सच्चाई है जो सामने आ गई।’ अशोक उपाध्याय लिखते हैं, ‘मुस्लिम सिर्फ धमकियों का सहारे जिंदा हैं।’ भोपाली लिखते हैं, ‘वाह क्या बात है। लोग घर में घुसकर मारने की धमकी देते हैं और ये साहब घर में घुसकर नमाज पढ़ने की धमकी दे रहे हैं।’ एके शुक्ला मौलाना के इस बयान को शर्मनाक करार देते हुए लिखते हैं, ‘ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।’