लूट के माल मे खुदा व पैगम्बर का भी हिस्सा था
क्या खुदा और पैगम्बर पर इतनी गरीबी और भुखमरी आ पड़ी थी कि चोरी, डकैती व लूट कराकर उससे दोनों अपनी गुजर करते थे?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
वअ्-लमू अन्नमा गनिम्तुम् मिन्………….।।
(कुरान मजीद पारा १० सूरा अन्फाल रूकू ९ आयत ६९)
ऐ पेगम्बर! तुम से लूट के माल का हुक्म पूछते हैं, कह दो कि लूट का माल तो अल्लाह और पैगम्बर का है।
और जान रखो कि जो चीज तुम लूट कर लाओ उसका पांचवाँ हिस्सा खुदा का और पैगम्बर का के रिश्तेदारों का, अनाथों का और गरोबों व मुसाफिरों का है।
फकुलू मिम्मा गनिम्तुम् हलालत्………..।।
(कुरान मजीद पारा १० सूरा अन्फाल रूकू ९ आयत ६९)
…….तो जो कुछ तुमको लूट से हाथ लगा है उसको पाक समझकर खाओ…….।
समीक्षा
प्रजा की लूट करना, लूटकर गरीब स्त्री बच्चों व पुरूषों को बर्बाद कर देना उनको बेसहारा बना देना यह बहुत ही नीचता का काम होता है। पर अरबी खुदा ने लूट का हुक्म ही नहीं दिया बल्कि उसने अपना, पैगम्बर व उसके रिश्तेदारों का, घर बैठे मुफ्त में हिस्सा भी बांध लिया। कुरान ने लोगों का जुल्म किरना ही सिखाया है अच्छी बातें न तो अरबी खुदा को आती थीं न उसके पैगम्बर को। यदि आती होती तो प्रजा को लुटवाने और लूट के माल को मुफ्त में हिस्से अपने व उसके न बांधे जाते।